The Blue Tick

nari shakti vandana adhiniyam 2023 : नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल-2023 का हरियाणा पर कितना पड़ेगा असर, कितना बदलेगा प्रदेश का सियासी मिजाज, कब से होगा इसका असर

 विधानसभा में महिलाओं के लिए 30 सीटें और लोकसभा में 3 सीटें आरक्षित होंगी। हालांकि केंद्र के इस नए बिल का फायदा महिलाओं को 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नहीं मिल पाएगा
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The Blue Ticknari shakti vandana adhiniyam 2023 :  केंद्र सरकार के नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर अब चर्चा ये उठनी शुरु हो गई हैं कि क्या हरियाणा में भी इसका असर देखने को मिलेगा, आखिर हरियाणा में इसका क्या प्रभाव रहेगा और कितनी सीटे महिलाओं के लिए कब से आरक्षित होंगी, इन तमाम बातों के जवाब आपको इस लेख के जरिये हम देंगे।


केंद्र सरकार के nari shakti vandana adhiniyam 2023 नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल-2023 का असर हरियाणा में भी दिखेगा. इस बिल के पास होते ही हरियाणा विधानसभा Haryana Vidhan sabha और लोकसभा की तस्वीर बदल जाएगी. विधानसभा में महिलाओं के लिए 30 सीटें और लोकसभा में 3 सीटें आरक्षित होंगी। हालांकि केंद्र के इस नए बिल का फायदा महिलाओं को 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नहीं मिल पाएगा. हरियाणा में महिलाओं को पहले से ही पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है.

फिलहाल हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें और 90 विधानसभा सीटें

लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन साल 2026 में होना है। फिलहाल हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें और 90 विधानसभा सीटें हैं। परिसीमन में आबादी के हिसाब से 3 लोकसभा सीटें बढ़ेंगी तो कुल 13 लोकसभा सीटें होंगी, जिनमें से 4 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ऐसे में विधानसभा की सीटें बढ़कर 117 हो जाएंगी, जिनमें से 39 सीटें महिलाओं के लिए होंगी.

हरियाणा में कोई भी निर्दलीय महिला जीत हासिल नहीं कर पाई 
Women did not get representation from these districts Haryana

Only 6 women reached Parliament in 45 years from Haryana राजनीतिक दृष्टि से हरियाणा में महिलाओं के लिए अब तक कुछ खास नहीं हुआ है। राज्य में पिछले 45 वर्षों के दौरान केवल 6 महिलाएं ही लोकसभा चुनाव जीतकर संसद तक पहुंच सकी हैं। सबसे खास बात ये है कि आज तक हरियाणा में कोई भी निर्दलीय महिला जीत हासिल नहीं कर पाई है. हरियाणा गठन के बाद कांग्रेस की चंद्रावती, कुमारी शैलजा और श्रुति चौधरी, भाजपा की सुधा यादव और सुनीत दुग्गल और इनेलो की कैलाशो सैनी ही लोकसभा तक पहुंच सकी हैं।

इन जिलों से महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं मिला

हरियाणा के छह जिले ऐसे हैं जहां से अभी तक महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। इनमें करनाल, रोहतक, हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत जिले शामिल हैं। इन जिलों से एक भी महिला सांसद संसद नहीं पहुंच सकीं. कांग्रेस की कुमारी शैलजा सबसे ज्यादा तीन बार संसद पहुंचीं. वह दो बार अंबाला से और एक बार सिरसा सुरक्षित सीट से चुनी गईं।

आरक्षण पर क्या बोले हरियाणा के दिग्गज?
 

धनखड़ ने फिल्म गोडे-गोडे चा का उदाहरण दिया

हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ bjp state president om parkash dhankar ने कहा है कि गोडे-गोडे चा नाम की एक पंजाबी फिल्म है, इसकी थीम है कि महिलाओं को बारात में जाने की इजाजत नहीं है. लेकिन वह जाने के लिए संघर्ष करती है। वे सफल हैं. प्राचीन काल में इस तरह की परंपरा देश के कई हिस्सों में मौजूद थी।

सीएम ने कहा- महिलाएं सशक्त होंगी

cm manohar lal सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इसको लेकर जनता के बीच काफी दिनों से चर्चा चल रही थी, खासकर महिलाएं बार-बार पूछती थीं, जब से हमने स्थानीय स्तर पर, पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत का प्रावधान किया है, तब से यह चर्चा चल रही थी. बार-बार कहा जा रहा है कि लोकसभा में ये विधानसभा में कब होगा? यह कदम सराहनीय है. निश्चित ही इससे महिलाओं का सशक्तिकरण बढ़ेगा। nari shakti vandan adhiniyam 2023 impect On Haryana