जान लो ये बात पक्का उड़ जायेंगे होश, मोबाइल के दामों में होगी गिरावट, सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान
The Blue Tick : mobile price drop : अंतरिम बजट के एक दिन पहले सरकार ने मोबाइल फोन बनाने में प्रयोग होने वाले कई उपकरणों पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की कमी की घोषणा की। सरकार के इस फैसले से भारत में मोबाइल फोन की निर्माण लागत तीन से पांच प्रतिशत तक घटने की संभावना है। इससे मोबाइल फोन की दाम में भी उतनी ही गिरावट आ सकती है।
देशी स्तर पर मोबाइल फोन की निर्माण लागत कम होने से मोबाइल फोन के आयात की जरूरत कम हो जाएगी। साथ ही विदेशी कंपनियां भी भारत में मोबाइल फोन बनाने के लिए और अधिक प्रलोभित होंगे। चीन वियतनाम जैसे देशों में निर्माण लागत भारत से अब भी कम है। इससे विदेशी कंपनियों को उन देशों में निर्माण करने का फायदा होता है।
हालांकि, सरकार के इस फैसले से मोबाइल उपकरण निर्माण इकीसिस्टम पर नकारात्मक असर होने का डर है। इस कदम से आयातित उपकरण की कीमत कम होने पर देशी निर्माण के लिए तेज प्रतिस्पर्धा होगी। वित्त मंत्रालय ने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग से संबंधित बैट्री कवर, मेन लेस, बैंक कवर, पेंटिना, सिम शाकेट और अन्य मैकेनिकल उत्पादों के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
मोबाइल फोन से जुड़ी रिसर्च कंपनी काउंटरप्वाइंट के निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि आयात शुल्क में कमी से फोन निर्माण लागत में 3-5 प्रतिशत की गिरावट तो होगी, लेकिन निर्माता कंपनी इसका कितना लाभ ग्राहकों को देती है, यह उन पर निर्भर करेगा। पुराना स्टाक खत्म होने के बाद कंपनियां मोबाइल फोन की दाम कम कर सकती है।
अभी 10 हजार रुपये से कम दाम वाले फोन की बिक्री पहले के मुकाबले कम हो गई है और दाम में कमी से इनकी बिक्री बढ़ सकती है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ashwini vaishnaw ने एक्स पोस्ट में कहा कि सरकार के इस कदम से मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बल मिलेगा।
आइफोन बनाने वाली कंपनी एपल ने भारतीय बाजार में पहली बार राजस्व के मामले में सबसे ऊपर की जगह हासिल की है। वहीं, सैमसंग ने स्मार्टफोन की बिक्री के मामले में शीर्ष स्थान पर बना रहा है। काउटरपाइट रिसर्च की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के दौरान भारत में स्मार्टफोन की कुल बिक्री 15.2 करोड इकाई रही है। पिछले वर्ष भारतीय बाजार में सैमसंग, वीवी और ओयों का शेयर ज्यादा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष एपल ने भारत में एक करोड इकाई से ज्यादा फोन बेचे हैं।
भारत में बिकने वाले 98 प्रतिशत फोन मेड इन इंडिया हैं
अभी भारत में बिकने वाले 98 प्रतिशत फोन देश में ही बनाए जाते हैं। भारत में एक अरब से ज्यादा लोग फोन का उपयोग करते हैं। मोबाइल फोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वर्ष 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव पीएल साइ। योजना का आगाज किया था, जिसके बाद से मोबाइल फोन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 13.9 अरब डालर के फोन का निर्यात किया है।
ज्यादा शुल्क से बढ़ रही थी मैन्यूफैक्चरिंग लागत इंडियन सेलुलर एड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन एकज महेंद्र ने कहा कि कपीनेट्स पर आयात शुल्क ज्यादा होने से देशी स्तर पर बनने वाले फोन की लागत ज्यादा हो रही थी। इससे कंपनियां फोन की कीमत बढ़ाने को मजबूर हो रही थी। ऐसा होने पर सस्ते मोबाइल फोन का आयात बढ़ सकता था जिससे देशी फोन निर्माण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता। इसलिए फोन निर्माता कंपनियों ने कपीनेट्स के आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी।