सरकार ने 2021 की तरह फिर की डिजिटल स्ट्राइक, 119 मोबाइल ऐप्स पर लगाया प्रतिबंध
The Blue Tick, Apps Ban India: भारत ने एक बार फिर से डिजिटल स्ट्राइक करके दुनिया को चौका दिया है। बता दें, 2021-22 की तरह इस बार फिर से भारत सरकार ने 119 मोबाइल एप्स पर डिजिटल स्ट्राइक कर बैन लगा दिया है। इनमे ज़्यादातर चीन और होंग्कोंग की हैं। इसके अलावा यूके, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापूर और अमरीका की भी कुछ ऐप्स शामिल हैं।
सरकार ने 119 ऐप्स को बैन करने का आदेश दिया है. कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है. ये सभी वीडियो और वॉयस चैट प्लेटफॉर्म्स हैं, जिनके तार चीन और हॉन्गकॉन्ग से जुड़े हुए हैं. सरकार ने इससे पहले भी कई ऐप्स को सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से बैन किया है. बड़ी संख्या में ऐप्स को बैन करने का सिलसिला साल 2020 में शुरू हुआ था.
उस वक्त कंपनी ने TikTok और ShareIt जैसे चीनी ऐप्स को बैन किया था, जो काफी ज्यादा पॉपुलर थे. इन सभी ऐप्स को सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से बैन किया गया था. 20 जून, 2020 को भारत सरकार ने लगभग 100 ऐप्स को बैन किया था, जो चीनी थे.
2021 और 2022 मे भी लगाया था बैन
इसके बाद सरकार ने 2021 और 2022 में भी कई ऐप्स को बैन किया था, लेकिन उनकी संख्या कम थी. रिपोर्ट्स की मानें, तो इन ऐप्स को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69A के तहत बैन किया गया है. इसका असर सिंगापुर, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के भी ऐप्स पर पड़ा है.
मनीकंट्रोल ने बताया है कि इस लिस्ट के ज्यादातर ऐप्स अभी भी गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं. सिर्फ 15 को ही रिमूव किया गया है. 119 ऐप्स की इस लिस्ट में सिर्फ तीन की ही पहचान हुई है. इसमें सिंगापुर बेस्ड वीडियो चैटिंग और गेमिंग ऐप ChillChat है, जिसे Mangostar Team ने डेवलप किया है.
सरकार ने नहीं जारी की है आधिकारिक जानकारी
इस ऐप को प्ले स्टोर पर लाखों यूजर्स ने डाउनलोड किया है और इसकी रेटिंग 4.1 स्टार है. इसके अलावा चीनी ऐप ChangApp है, जिसे Blom ने डेवलप किया है. तीन नाम HoneyCam ऐप का है, जिसे ऑस्ट्रेलिया की कंपनी Shellin PTY Ltd चलाती है. ऐप्स का कहना है कि उन्हें बैन की जानकारी गूगल के जरिए मिली है और वे भारतीय अथॉरिटीज के साथ मिलकर इस दिक्कत को दूर करना चाहते हैं.
ChillChat सिंगापुर बेस्ड ऐप है, जिसके लाखों यूजर्स हैं. कंपनी का कहना है कि उन्हें ब्लॉक करने से उनके भारतीय यूजर्स पर असर होगा. हालांकि, मंत्रालय ने इस संबंध में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. ये जानकारी Lumen डेटाबेस से सामने आई थी, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया है.