The Blue Tick

illegal weapon : अवैध हथियार निर्माण पर सख़्त SOP जारी, जानिये क्या होगा अब

SOP का उद्देश्य शस्त्र अधिनियम, 1959 (Arms Act) और 2019 के संशोधनों को पूरी गंभीरता के साथ लागू करना है
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The Blue Tick : चंडीगढ़, 30 जुलाई 2025 –हरियाणा सरकार ने अवैध हथियार निर्माण (illegal arms manufacturing) पर रोक लगाने के लिए राज्य स्तर पर एक कड़ा कदम उठाया है। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure - SOP) जारी की है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत बनाई गई है।

इस SOP का उद्देश्य शस्त्र अधिनियम, 1959 (Arms Act) और 2019 के संशोधनों को पूरी गंभीरता के साथ लागू करना है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि बिना लाइसेंस वाले हथियारों (unlicensed firearms) का बढ़ता प्रसार जन सुरक्षा (public safety) और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।

SOP के तहत हर ज़िले में एक जिला-स्तरीय शस्त्र नियंत्रण समिति (District Arms Control Committee) बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट करेंगे। इसमें पुलिस अधीक्षक, जिला अटॉर्नी और एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ शामिल होगा। ये समितियाँ दो महीने के भीतर सभी हथियार निर्माण इकाइयों (arms manufacturing units) का निरीक्षण करेंगी — चाहे वे लाइसेंस प्राप्त हों या अवैध।

निरीक्षण के दौरान लाइसेंस की वैधता, मशीनरी, कच्चा माल (raw material), उत्पादन रिकॉर्ड और तैयार माल की गहन जांच होगी। यदि कोई इकाई शर्तों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो तुरन्त ज़ब्ती (seizure) और कानूनी कार्रवाई (legal action) की जाएगी।

बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्रियों (unauthorized factories) के लिए SOP में स्पष्ट निर्देश है — चिन्हित कर उन्हें नष्ट किया जाएगा। इन मामलों को चिन्हित अपराध (identified offense) के तहत दर्ज किया जाएगा।

पुलिस विभाग इस SOP को लागू करने में मुख्य भूमिका निभाएगा। हर जिले में एक समर्पित सेल (dedicated cell) बनेगा जो हथियारों की तस्करी (arms smuggling), अवैध निर्माण और वितरण पर निगरानी रखेगा। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और हाईवे पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।

जांच अधिकारी एफआईआर दर्ज करने, जब्ती की प्रक्रिया और अदालत में हथियार पेश करने में कोई चूक न करें, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं। जिला अटॉर्नी को सभी मामलों की मासिक रिपोर्ट तैयार करनी होगी।

राज्य-स्तरीय समिति को प्रत्येक जिले से पहली रिपोर्ट तीन महीने के भीतर और उसके बाद हर माह की 7 तारीख तक मासिक रिपोर्ट प्राप्त होगी।

डॉ. मिश्रा ने साफ़ कहा कि ज़िला मजिस्ट्रेट को ज़रूरत के अनुसार अतिरिक्त निर्देश जारी करने का पूरा अधिकार होगा और सरकार का लक्ष्य अवैध हथियार निर्माण (illegal weapon manufacturing) को पूरी तरह समाप्त करना है।