The Blue Tick

Election 2024 : 2024 के चुनाव से पहले हरियाणा के जींद में गजरेंगे कर्मचारी, चेतावनी रैली में भरेंगे हुंकार, क्या जागेगी सरकार

एक बार फिर कर्मचारियों की मांगों को उठाने के लिए हरियाणा के जींद में एक बड़ी रैली का आयोजन होने जा रहा हैं
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2024 नजदीक हैं, ऐसे में लोकसभा और हरियाणा विधानसभा के चुनाव बिल्कुल सिर पर है। अक्सर देखने में आता हैं कि चुनावों के आस—पास कर्मचारी वर्ग भी एक बार फिर जोश में नजर आने लगता हैं, क्योंकि उम्मीद रहती है कि लांबित मांगों का समाधान सरकार कर दें। 

 

एक बार फिर कर्मचारियों की मांगों को उठाने के लिए हरियाणा (Haryana) के जींद (Jind) में एक बड़ी रैली का आयोजन होने जा रहा हैं, अक्सर आपने देखा होगा कि रैलियों का आयोजन नेताओं या फिर किसी पार्टी की तरफ से ही किया जाता है। लेकिन इस बार जींद में जो रैली होने जा रही हैं, वो सर्व कर्मचारी संघ (Sarv Karmchari Sangh) के आह्वान पर होने जा रही है। इस रैली को चेतावनी रैली का नाम दिया गया है।

 

दावा किया जा रहा हैं कि ये अब तक की बड़ी रैली होगी, इस रैली का आयोजन 28 मई को जींद के हुडा ग्राउंड (Jind Huda Ground) में होगा। रैली को लेकर तैयारियां पूरी की जा रही है। बकायदा कर्मचारियों की यूनियन की टोलियां प्रचार अभियान चलाएं हुए है।

हरियाणा के हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, पंचकूला, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र सहित तमाम एरिया में कर्मचारी एक दूसरे से संपर्क साध रहे है। बकायदा रैली को लेकर पोस्टर भी बांटे जा रहे है। 

Election 2024

कर्मचारी नेता नरेश गौतम का कहना है कि हरियाणा में 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी है। सरकार की नीतियों से हर कर्मचारी नाराज है। ये रैली ऐतिहासिक होगी, उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो कर्मचारियों की मांगों पर गौर करे। पहले भी कई बार प्रदर्शन करके, ज्ञापन देकर कर्मचारी अपनी आवाज उठा चुका है। लेकिन हुआ कुछ नहीं, ऐसे में अब जींद में एक बड़ी रैली करके सरकार की आंख खोलने की कोशिश कर्मचारी वर्ग करेगा। रैली में हर जिला, हर ब्लॉक से कर्मचारी आएंगे। ये कर्मचारी अलग-अलग महकमों के होंगे, यानि बिजली, पानी, सडक, सफाई, निर्माण कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित तमाम विभागों के कर्मचारी इस रैली में शामिल होगा।


 

मुख्य मांगों का जिक्र करते हुए कर्मचारी नेता नरेश गौतम ने बताया कि दो मुख्य बिंदु इस रैली में रहेंगे, पहला ये कि पुरानी पेंशन नीति बहाल हो। दूसरा ये कि कच्चे कर्मचारियों को बहाल किया जाएं।

पुरानी पेंशन शुरु करवाने के लिए कर्मचारी नेता ने कहा कि पुरानी पेंशन नीति कर्मचारियों का हक है। पंजाब में भी इसे लागू कर दिया गया, हिमाचल में भी इसे लागू कर दिया गया, और तो और कई प्रदेशों में वहां की सरकारों ने लागू कर दिया, लेकिन हरियाणा सरकार की नींद कब टूटेगी, पता नहीं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हिसार सहित पूरे हरियाणा में कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया था। 

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उन्होंने कहा कि अपनी जिदंगी के 30 साल सरकार को देने वाले कर्मचारियों की ये सरकार सूध नहीं ले रही। इतना ही नहीं, कच्चे कर्मचारियों को भी पक्का करने की बात नहीं की जा रही। हरियाणा में कौशल रोजगार के नाम पर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ये हैं मुख्य मांगे
जीदं में होने वाली इस रैली में कर्मचारी वर्ग अपने अपने मुद्दे तो उठायेगा ही, लेकिन इस रैली में मुख्य तौर पर जिन मांगों को लेकर आवाज बुलंद की जाएगी, उनमें रेगुलाईजेशन, पुरानी पेंशन बहाली, नियम से नियमित भर्ती,  हरियाणा का अलग से वेतन आयोग, कौशल रोजगार को भंग करवाने और निजीकरण पर रोक लगाने जैसी मांगे है।

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रैली के बारे में बताते हुए कर्मचारी नेता नरेश गौतम ने बताया कि इस रैली में वक्ता के तौर पर शशिकांत राय शिरकत करेंगे, वो कोषाध्यक्ष हैं अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के। इसके साथ ही सुभाष लाम्बा, जोकि अध्यक्ष हैं अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के वो भी मौजूद रहेंगे। साथ ही सुरेखा,अध्यक्ष सी.आई.टी.यू. हरियाणा, मा. बलबीर सिंह, अध्यक्ष अखिल भारतीय किसान सभा, हरियाणा भी मौजूद रहेंगे।