9 महीने की देरी,1000 जुर्माना, बिजली विभाग की लापरवाही पर आयोग ने लिया एक्शन
The Blue Tick : Updated 30 July 2025: haryana service commission : चंडीगढ़, 30 जुलाई: हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन (Haryana Right to Service Commission) ने बिजली विभाग की एक सेवा में देरी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने सुनवाई के बाद संबंधित कर्मचारी पर ₹1000 का जुर्माना लगाया है। यह राशि उसके वेतन से काटकर शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी।
रादौर निवासी शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि अगस्त 2024 में उसने अपना एनडीएस विद्युत कनेक्शन कटवाया था, और उसी समय अनुरोध किया था कि उसकी सिक्योरिटी राशि घर के दूसरे चल रहे अकाउंट में समायोजित कर दी जाए।
लेकिन कई बार निवेदन और दफ्तर के चक्कर लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। मार्च 2025 में ऑनलाइन आवेदन करने के बाद जुलाई में पहली बार सूचना मिली कि राशि जून के बिल में समायोजित की गई है।
RTS Commission ने पाया कि आवेदन में दोनों खाता नंबर स्पष्ट थे, फिर भी गलती हुई।
सुनवाई में स्पष्ट हुआ कि उपभोक्ता लिपिक द्वारा गलती से आवासीय कनेक्शन का पीडीसीओ जारी कर दिया गया। त्रुटि सुधारने के बावजूद सही खाते के लिए पीडीसीओ दोबारा जारी नहीं किया गया, न ही समय पर राशि समायोजित की गई।
आयोग ने यह मानते हुए कि यह सेवा में गंभीर देरी (Service Delay) का मामला है, हरियाणा राइट टू सर्विस अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(ह) के तहत ₹1000 का मुआवजा आरोपित किया है।
यह रकम अगस्त के वेतन से काटकर सितंबर 2025 में शिकायतकर्ता को दी जाएगी।
उपमंडल अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश की अनुपालना रिपोर्ट 10 सितंबर तक आयोग को भेजें।