The Blue Tick

Sma injection Price : 17 करोड़ का इंजेक्शन अब कैसे मिलेगा इस बच्ची को, SMA बीमारी का क्या हैं ये फंडा, क्या मदद मिलेगी शिवांशी को, spinal muscular atrophy से बचने के लिए

 गुरुग्राम में 17 महीने की शिवांशी मिश्रा को ऐसी बीमारी है जिसका केवल एक इलाज है और इसका इंजेक्शन 17 करोड़ रुपए का होगा। अमेरिका से ये  इंजेक्शन खरीदा जाता है
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The Blue Tickspinal muscular atrophy  Sma injection Price कुदरत भी क्या क्या खेल रचता हैं, अब ताजा मामला हरियाणा का ही देख लीजिए, यहां एक बच्ची को ऐसी बीमारी हो गई हैं जो दुर्लभ होती है। अब इस बीमारी के ईलाज के लिए जो इंजेक्शन लगता हैं, उसकी कीमत 17 करोड़ रुपये है। ये सुन सभी हैरान है। 


हरियाणा के गुरुग्राम में 17 महीने की शिवांशी मिश्रा को ऐसी बीमारी है जिसका केवल एक इलाज है और इसका इंजेक्शन 17 करोड़ रुपए का होगा। अमेरिका से ये  इंजेक्शन खरीदा जाता है। विशेष रूप से, यह इंजेक्शन सिर्फ दो साल की उम्र तक लगाया जा सकता है। शिवांसी मिश्रा के माता-पिता को इस बीमारी का पता चला तो वे कैनविन आरोग्य धाम पहुंचे।

कैनविन आरोग्य धाम ने पहले भी इसी बीमारी से पीड़ित दो बच्चों, रेयांश मदान और कनव जांगड़ा के इलाज के लिए धन जुटाने की अपील की है।

कैनविन फाउंडेशन के संस्थापक डॉक्टर डीपी गोयल ने कहा कि स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (SMA) इतनी घातक है कि इसका एकमात्र टीका अमेरिका में बनाया गया है। डीपी गोयल ने बताया कि बच्ची के माता पिता सोमवार को कैनविन फाउंडेशन में पहुंचे और 17 करोड़ रुपये जुटाने में उनकी मदद मांगी।


डीपी गोयल ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह पहले भी लोगों से अपील करके दो बच्चों के इलाज के लिए धन जुटा चुके हैं। वह फिर से क्राउड फंडिंग की मांग करेगा।


 

10 हजार बच्चों में से एक बीमार है
DP Goyal
ने कहा कि ये टीका सिर्फ 2 साल की उम्र तक लगाया जा सकता है। दो साल होने से पहले टीका लगाने से अधिक लाभ मिलता है। शिवांशी अभी 17 महीने की है और उसके पास अभी 7 महीने शेष हैं। डॉक्टर ने कहा कि SMA विश्व भर में 10 हजार बच्चों में से एक को होती है। अब कैनविन बच्ची की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगा ।


फंड नहीं मिलने पर लोगों के अकाउंट में वापस जाएगा
बच्ची की सहायता के लिए बाकायदा बैंक खाता खोला गया है। इस खाते में मिनिमन 1 रुपये से लेकर किसी भी मात्रा में दान कर सकते हैं। अगर बच्ची के लिए पूरा पैसा नहीं जुटाया जाता, तो दान देने वाले सभी लोगों को अकाउंट से जो पैसा मिला है, वह वापस मिल जाएगा शिवांशी मिश्रा का परिवार सेक्टर 43 में रहता है और परिवार ने लोगों से अपील की है। उसके पिता आकाश मिश्रा एक निजी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी में वरिष्ठ कंसल्टेंट हैं। आकाश मिश्रा और उनकी पत्नी आरती शुक्ला ने कहा कि अब लोगों के हाथ में उनकी बेटी को जीवन दान देना है।


आखिर हैं क्या ये बीमारी
स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी एक आनुवंशिक विकार है जो स्पाइनल कॉर्ड और मस्तिष्क स्टेम में बनने वाली तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मांसपेशियों की कमजोरी और क्षय बढ़ जाती है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी में पांच अलग-अलग प्रकार की मांसपेशियों की कमजोरी और क्षय होती है।