Khatu Shyam Chalisa: होलाष्टक के महीने मे पढ़ लिया खाटू चालीसा तो जीवन भर नहीं होगी धन की कमी
यदि आप घर बैठे ही बाबा की कृपा पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से खाटू श्याम चालीसा का पाठ करें। इस चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, तरक्की के नए मार्ग खुलते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
The Blue Tick: Khatu Shyam Chalisa Pdf: खाटू श्याम बाबा को कलयुग में भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। भक्तों के लिए फाल्गुन महीना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान राजस्थान के सीकर जिले में स्थित उनके पावन धाम में भव्य लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जो बाबा के दर्शन और कृपा प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं।
बाबा खाटू श्याम: "हारे का सहारा"
भगवान खाटू श्याम को "हारे का सहारा" कहा जाता है, यानी जो भी व्यक्ति संकटों से घिरा होता है और पूरी श्रद्धा से बाबा का स्मरण करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि जो भक्त खाटू श्याम मंदिर में जाकर सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। यही कारण है कि देशभर से लोग बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं।
खाटू श्याम चालीसा का महत्व (khatu shyam chalisa benefits)
खाटू श्याम बाबा की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके मंदिर में दर्शन करना तो उत्तम माना ही जाता है, लेकिन यदि आप घर बैठे ही बाबा की कृपा पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से खाटू श्याम चालीसा का पाठ करें। इस चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, तरक्की के नए मार्ग खुलते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
खाटू श्याम चालीसा (khatu shyam chalisa pdf, khatu shyam chalisa in hindi)
दोहा
श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद ।
चौपाई
श्याम-श्याम भजि बारम्बारा ।
सहज ही हो भवसागर पारा ॥
इन सम देव न दूजा कोई ।
दिन दयालु न दाता होई ॥
भीम पुत्र अहिलावती जाया ।
कही भीम का पौत्र कहलाया ॥
यह सब कथा कही कल्पांतर ।
तनिक न मानो इसमें अंतर ॥
बर्बरीक विष्णु अवतारा ।
भक्तन हेतु मनुज तन धारा ॥
वसुदेव देवकी प्यारे ।
जसुमति मैया नंद दुलारे ॥
मधुसूदन गोपाल मुरारी ।
वृजकिशोर गोवर्धन धारी ॥
सियाराम श्री हरि गोविंदा ।
दिनपाल श्री बाल मुकुंदा ॥
दामोदर रणछोड़ बिहारी ।
नाथ द्वारकाधीश खरारी ॥
राधावल्लभ रुक्मणी कंता ।
गोपी बल्लभ कंस हनंता ॥
मनमोहन चित चोर कहाए ।
माखन चोरि-चारि कर खाए ॥
मुरलीधर यदुपति घनश्यामा ।
कृष्ण पतित पावन अभिरामा ॥
मायापति लक्ष्मीपति ईशा ।
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा ॥
विश्वपति जय भुवन पसारा ।
दीनबंधु भक्तन रखवारा ॥
प्रभु का भेद न कोई पाया ।
शेष महेश थके मुनिराया ॥
नारद शारद ऋषि योगिंदर ।
श्याम-श्याम सब रटत निरंतर ॥
कवि कोदी करी कनन गिनंता ।
नाम अपार अथाह अनंता ॥
हर सृष्टी हर सुग में भाई ।
ये अवतार भक्त सुखदाई ॥
ह्रदय माही करि देखु विचारा ।
श्याम भजे तो हो निस्तारा ॥
कौर पढ़ावत गणिका तारी ।
भीलनी की भक्ति बलिहारी ॥
सती अहिल्या गौतम नारी ।
भई शापवश शिला दुलारी ॥
श्याम चरण रज चित लाई ।
पहुंची पति लोक में जाही ॥
अजामिल अरु सदन कसाई ।
नाम प्रताप परम गति पाई ॥
जाके श्याम नाम अधारा ।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा ॥
श्याम सलोवन है अति सुंदर ।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर ॥
गले बैजंती माल सुहाई ।
छवि अनूप भक्तन मान भाई ॥
श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती ।
श्याम दुपहरी कर परभाती ॥
श्याम सारथी जिस रथ के ।
रोड़े दूर होए उस पथ के ॥
श्याम भक्त न कही पर हारा ।
भीर परि तब श्याम पुकारा ॥
रसना श्याम नाम रस पी ले ।
जी ले श्याम नाम के ही ले ॥
संसारी सुख भोग मिलेगा ।
अंत श्याम सुख योग मिलेगा ॥
श्याम प्रभु हैं तन के काले ।
मन के गोरे भोले-भाले ॥
श्याम संत भक्तन हितकारी ।
रोग-दोष अध नाशे भारी ॥
प्रेम सहित जब नाम पुकारा ।
भक्त लगत श्याम को प्यारा ॥
खाटू में हैं मथुरावासी ।
पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी ॥
सुधा तान भरि मुरली बजाई ।
चहु दिशि जहां सुनी पाई ॥
वृद्ध-बाल जेते नारि नर ।
मुग्ध भये सुनि बंशी स्वर ॥
हड़बड़ कर सब पहुंचे जाई ।
खाटू में जहां श्याम कन्हाई ॥
जिसने श्याम स्वरूप निहारा ।
भव भय से पाया छुटकारा ॥
दोहा
श्याम सलोने संवारे, बर्बरीक तनुधार ।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार।।
(Disclaimer - यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. the blue tick इसकी पुष्टि नहीं करता है.)