jharkhand mining : झारखंड में शुरू हुआ देश का पहला माइनिंग टूरिज्म, जानिए क्या है खास
The Blue Tick, 22 जुलाई 2025 | झारखंड सरकार ने राज्य को पर्यटन के नए नक्शे पर लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को भारत के पहले माइनिंग टूरिज्म प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस योजना के तहत अब आम लोग भी खदानों का भ्रमण कर सकेंगे और खनन प्रक्रिया को करीब से देख पाएंगे।
क्या है माइनिंग टूरिज्म?
माइनिंग टूरिज्म यानी "खनन पर्यटन" एक नई पहल है, जिसमें पर्यटकों को सुरक्षा मानकों के तहत **कोल माइनिंग साइट्स का गाइडेड टूर** कराया जाएगा। इससे न केवल खनन उद्योग की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि लोगों को खनन के पीछे की वैज्ञानिक प्रक्रिया और सामाजिक असर की जानकारी भी मिलेगी।
मुख्य विशेषताएं:
* पर्यटक सुरक्षित खदानों में गाइड के साथ घूम सकेंगे
* खनन इतिहास, मशीनरी और स्थानीय जीवनशैली को नज़दीक से जानने का मौका
* साइट पर बनाए जाएंगे इंफॉर्मेशन गैलरी, म्यूज़ियम और व्यूइंग पॉइंट
क्या होगा इसका फायदा?
राज्य में स्थानीय रोजगार के नए अवसर
पर्यटन के जरिए राजस्व में बढ़ोतरी
झारखंड को मिलेगा एक **नया टूरिज्म ब्रांड
खनन क्षेत्र की **सकारात्मक छवि** लोगों के बीच स्थापित होगी
क्या हैं चुनौतियाँ?
सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन ज़रूरी
खदानों के आसपास के पर्यावरण को संरक्षित रखना होगा
स्थानीय समुदायों को परियोजना में शामिल करना भी अहम
मुख्यमंत्री का बयान:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा,
खनन झारखंड की पहचान रहा है, लेकिन अब हम चाहते हैं कि यह पर्यटन और शिक्षा का जरिया भी बने। इस पहल से न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि लोगों को खनन को समझने का अवसर भी मिलेगा।
झारखंड सरकार की यह पहल न केवल पर्यटन क्षेत्र में नवाचार है, बल्कि यह देश के अन्य खनन राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है। यदि यह योजना सफल होती है, तो आने वाले समय में देशभर में माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत संभव है।