The Blue Tick

भूलकर भी ये लोग न खाएं बेसन की कड़ी, GK में जानों ये करवा देगी यमराज के दर्शन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेसन की कड़ी हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होती? बेसन की कढ़ी खाना जितना पसंद हो तो कुछ लोगों को बेसन की कड़ी का सेवन करने से बचना चाहिए। आईये जानते हैं कि बेसन की कड़ी किसके लिए हानिकारक है, और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

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The Blue Tick : Besan ki kadhi : बेसन की कड़ी भारत ही नहीं विदेशों में भी पोपुलर हो चुकी है. तकरीबन हर घर में आज बेसन की कड़ी बनाई जाती है और बड़े चाव के साथ इसे खाया जाता है। बेसन की कड़ी में बेसन (चने का आटा), दही, पानी, मसाले और पकोड़े मिलाकर बनाई जाती है। बेसन की कड़ी को चावल, रोटी, पराठा या खिचड़ी के साथ परोसा जाता है।

बेसन की कड़ी का सेवन करने से हमें कई फायदे मिल सकते हैं, क्योंकि इसमें बेसन और दही दोनों ही पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। बेसन में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, फोलेट और अन्य विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। दही में कैल्शियम, प्रोटीन, प्रोबायोटिक्स, विटामिन बी12 और अन्य विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो हमारी हड्डियों, पाचन, इम्यूनिटी और मूड को बेहतर बनाते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेसन की कड़ी हर किसी के लिए उतनी ही फायदेमंद नहीं होती है? हां, आपने सही सुना। बेसन की कड़ी का सेवन करने से कुछ लोगों को नुकसान भी हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बेसन की कड़ी किसके लिए हानिकारक है, और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

बेसन की कड़ी किसके लिए हानिकारक है?

बेसन की कड़ी का सेवन करने से निम्नलिखित लोगों को नुकसान हो सकता है

-" गैस, एसिडिटी या पेट की समस्या वाले लोग’’ बेसन की कड़ी में बेसन और दही दोनों ही गैस या एसिडिटी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ हैं। बेसन में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जो कभी-कभी पाचन को बाधित कर सकता है। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो कभी-कभी पेट में जलन या अल्सर का कारण बन सकता है। इसलिए, जिन लोगों को गैस, एसिडिटी या पेट की कोई भी समस्या है, उन्हें बेसन की कड़ी का सेवन कम मात्रा में या बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

- ’’ग्लूटेन अलर्जी वाले लोग’’ बेसन की कड़ी में बेसन के अलावा अक्सर आटे के पकोड़े भी डाले जाते हैं। आटा में ग्लूटेन नामक एक प्रोटीन होता है, जिससे कुछ लोगों को अलर्जी हो जाती है। ग्लूटेन अलर्जी वाले लोगों को बेसन की कड़ी में आटे के पकोड़े नहीं खाने चाहिए, वरना उन्हें पेट दर्द, उल्टी, दस्त, खुजली, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

- ’’थायराइड रोगी लोग’’ बेसन की कड़ी में दही का उपयोग होता है, जो कि एक डेयरी उत्पाद है। डेयरी उत्पादों में कैसीन नामक एक प्रोटीन होता है, जो कि थायराइड ग्रंथि के कार्य को प्रभावित कर सकता है। कैसीन थायराइड हार्माेन के उत्पादन और उपयोग को रोक सकता है, जिससे थायराइड की समस

’’गुर्दे की समस्या वाले लोग’’ बेसन की कड़ी में बेसन और दही दोनों ही उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ हैं। जिन लोगों को गुर्दे की कोई भी समस्या है, उन्हें प्रोटीन की मात्रा को कम रखना चाहिए, क्योंकि अधिक प्रोटीन का सेवन गुर्दे को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। अधिक प्रोटीन का सेवन गुर्दे में उरिक एसिड, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और अन्य विषैले पदार्थों का संचय कर सकता है, जो गुर्दे की कार्यक्षमता को कम कर सकते हैं। इसलिए, गुर्दे की समस्या वाले लोगों को बेसन की कड़ी का सेवन बहुत ही सावधानी से या बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

- ’’गर्भवती महिलाएं’’ बेसन की कड़ी का सेवन गर्भावस्था के दौरान भी नुकसानदायक हो सकता है। बेसन की कड़ी में दही का उपयोग होता है, जो कि एक खट्टा पदार्थ है। खट्टे पदार्थों का सेवन गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी, गैस, बदहजमी या उल्टी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, बेसन की कड़ी में बेसन और आटे के पकोड़े होते हैं, जो कि तले हुए और भारी होते हैं। तले हुए और भारी खाने का सेवन गर्भावस्था के दौरान पेट में जलन, ब्लोटिंग, दस्त या कब्ज का कारण बन सकता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को बेसन की कड़ी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

बेसन की कड़ी का सेवन करने के लिए कुछ सुझाव

बेसन की कड़ी का सेवन करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो निम्नलिखित हैं

- बेसन की कड़ी को ताजा बनाकर ही खाएं, और बाद में न रखें। बेसन की कड़ी में दही होता है, जो कि जल्दी खराब हो सकता है। खराब दही का सेवन करने से आपको फूड पॉइजनिंग, दस्त, उल्टी या अन्य पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
 

- बेसन की कड़ी को नमक, मिर्च, तेजी, इमली या अन्य मसालों के साथ न बनाएं, या कम मात्रा में बनाएं। इन मसालों का अधिक सेवन करने से आपको एसिडिटी, गैस, जलन, बदहजमी या अन्य पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
 

- बेसन की कड़ी को आटे के पकोड़े के बिना या बेसन के पकोड़े के साथ बनाएं। आटे के पकोड़े में ग्लूटेन होता है, जो कि ग्लूटेन अलर्जी वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। बेसन के पकोड़े में ग्लूटेन नहीं होता है, लेकिन वे भी तले हुए होते हैं, जो कि तेल और कैलोरी का स्रोत होते हैं। इसलिए, बेसन की कड़ी को पकोड़े के बिना या कम मात्रा में पकोड़े के साथ खाएं।
 

- बेसन की कड़ी को दही के साथ न मिलाकर खाएं, या कम मात्रा में मिलाकर खाएं। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो कि एसिडिटी का कारण बन सकता है। दही का अधिक सेवन करने से आपको पेट में जलन, उल्टी, दस्त या अन्य पेट की समस्याएं हो सकती हैं।

- बेसन की कड़ी को दही के साथ न मिलाकर खाएं, या कम मात्रा में मिलाकर खाएं। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो कि एसिडिटी का कारण बन सकता है। दही का अधिक सेवन करने से आपको पेट में जलन, उल्टी, दस्त या अन्य पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
 

- बेसन की कड़ी को गर्म या ठंडा नहीं खाएं, बल्कि गुनगुना खाएं। गर्म या ठंडा खाने से आपको गले में खराश, खांसी, या अन्य रेस्पिरेटरी समस्याएं हो सकती हैं। गुनगुना खाने से आपको आराम मिलेगा, और आपका पाचन भी अच्छा रहेगा।
 

- बेसन की कड़ी को अपने आहार का हिस्सा बनाएं, लेकिन रोजाना न खाएं। बेसन की कड़ी का सेवन करने से आपको कई फायदे मिलेंगे, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन करने से आपको कई नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, बेसन की कड़ी को संतुलित रूप से खाएं, और इसके साथ अन्य पौष्टिक और हरे-भरे खाद्य पदार्थों का भी सेवन करें।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी की सटीकता, पूर्णता और वैधता का हम कोई भी ज़िम्मेदारी नहीं लेते हैं। इस लेख में दी गई किसी भी सलाह को अपनाने से पहले आपको अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। हम इस लेख में दी गई किसी भी सूचना के उपयोग या दुरुपयोग से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।