The Blue Tick

Chanakya Niti: बच्चों का भविष्य हो जाएगा खराब, अगर माँ-बाप कर रहे ये गलतियाँ

हर माँ बाप चाहते हैं कि उसके बच्चों का भविष्य अच्छा बने, लेकिन कई माँ बाप ऐसे होते हैं जो अपने हाथो से अपनी संतान का भविष्य खराब कर देते हैं, चाहे वो अंजाने मे हो या जाने मे। आचार्या चाणक्य ने ऐसी ही कुछ नीतियों के बारे मे अपने नीति शास्त्र मे वर्णन किया है, आइए जानते हैं।

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The Blue Tick, chanakya niti for child: हर माँ बाप चाहते हैं कि उसके बच्चों का भविष्य अच्छा बने, लेकिन कई माँ बाप ऐसे होते हैं जो अपने हाथो से अपनी संतान का भविष्य खराब कर देते हैं, चाहे वो अंजाने मे हो या जाने मे। आचार्या चाणक्य ने ऐसी ही कुछ नीतियों के बारे मे अपने नीति शास्त्र मे वर्णन किया है, आइए जानते हैं। आज इसी बात पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि आचार्य चाणक्य की नीति आखिर क्या हैं, वो क्या ऐसी बाते बताते थे जिससे बच्चों का भविष्य माता पिता की वजह से खराब नहीं होता।

भारत के सर्वोच्च विद्वत और अर्थशास्त्रज्ञ आचार्य चाणक्य का राजनीति और अर्थशास्त्र में ही नहीं, बल्कि समाजशास्त्र जैसे विषयों में भी विशेष रुचि और ज्ञान था। आचार्य चाणक्य के द्वारा बताए गए हर उपदेश का उद्देश्य सामाजिक हित का है। उन्होंने बच्चों के लिए भी माता-पिता को कई उपदेश दिए हैं, जिससे वे अपने बच्चों को सही मार्ग पर ले जा सकें। इन उपदेशों में पालन-पोषण के समय माता-पिता के द्वारा की जाने वाली गलतियां भी शामिल हैं। चलिए जानते हैं कि माता-पिता की कौन-कौन सी गलतियां बच्चों के भविष्य में उनके लिए हानिकारक हो सकती हैं?

बच्चों के साथ अनुचित भाषा का प्रयोग आचार्य चाणक्य के अनुसार, बच्चे एक नरम मिट्टी के समान होते हैं। आप उन्हें जैसा आकार देंगे, वे वैसा ही बन जाएंगे। इसलिए नन्हे बच्चों को सदैव प्रेमपूर्वक समझाना चाहिए। 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों को समझाने की क्षमता नहीं होती है, उन्हें आप फटकारकर या फिर अनुचित भाषा का प्रयोग करके समझा नहीं सकते हैं। प्रयास करें कि आप उन्हें प्रेम से और सभ्य भाषा में बात करें। अगर आप उनके साथ अनुचित भाषा का प्रयोग करते हैं, तो आगे चलकर वे आपके साथ और अन्य लोगों के साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे। इसका परिणाम उन्हें भी हानि पहुंचा सकता है।

बच्चों की गलतियों को न करें प्रकट 5 साल की उम्र के बाद बच्चा काफी बुद्धिमान हो जाता है, वे कई बातों को समझने लगता है। ऐसे में जब बच्चा गलतियां करता है, तो उसे दांतने या फिर चिल्लाने की जगह उसकी गलतियों को लेकर शांतिपूर्वक वार्तालाप करें। अगर आप उनकी गलतियों को लेकर गुस्सा हो जाएंगे, तो इसका प्रभाव उनके व्यवहार पर बुरा पड़ेगा।

माता-पिता एक दूसरे को दें आदर चाणक्य नीति के अनुसार, माता-पिता अगर एक-दूसरे का आदर नहीं करते हैं, तो इसका असर बच्चों के व्यवहार पर भी पड़ता है। बच्चों के सामने एक-दूसरे के प्रति मान-सम्मान रखना अत्यंत आवश्यक है। ताकि बच्चा भी आप दोनों का आदर कर सके। घर में आप जो व्यवहार करते हैं, बच्चा उसी तरह का व्यवहार बाहर भी करता है। इस बात को कभी न भूलें।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, झूठ हमेशा एक दुश्मन की तरह काम करता है। अगर आप एक माता-पिता हैं, तो कभी भी अपने बच्चों के सामने झूठ न बोलें। अगर आप झूठ बोलते हैं, तो इससे बच्चा आगे चलकर झूठ बोलना सीख सकता है। ध्यान रखें कि कभी भी आप अपने लाभ के लिए बच्चों के सामने झूठ न बोलें।

माता-पिता को अपने बच्चों के सामने सावधानी से व्यवहार करना चाहिए, ताकि इसका बुरा प्रभाव बच्चों पर न पड़े। यही आचार्य चाणक्य का संदेश है, जो हमें अपने बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनाने में मदद करता है।