The Blue Tick

ayodhya ram mandir pujari : अयोध्या के भव्य राम मंदिर का पुजारी बनने के लिए क्या चाहिए थी योग्यता, इस पद पर किसका हुआ चयन, जानिये डिटेल

 अयोध्या में सबसे खास दिन यानि जिस दिन भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा हैं, उस कार्यक्रम की तैयारियां तेजी से चल रही हैं
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 The Blue Tick ayodhya ram mandir pujari :  अयोध्या में बने भगवान राम के सुंदर मंदिर में पुजारियों का चयन हुआ है। इसके लिए 3,000 से ज्यादा लोगों ने आवेदन किये थे। पुजारियों को कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और उनके लिए कुछ खास मापदंड तय किये गये थे, उन्हीं पैमाने पर खरा उतरने वालों का चयन हुआ है। पूरी प्रक्रिया में 200 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ, जिसमें से 50 को पुजारी बनने के लिए चुना गया।

इस बीच, सोशल मीडिया पर खबर तेजी से फैल गई कि मोहित पाण्डेय को मुख्य पुजारी चुना गया है।

अयोध्या में सबसे खास दिन यानि जिस दिन भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा हैं, उस कार्यक्रम की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। पीएम मोदी 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा में यजमान के रूप में नजर आएंगे। देश के बहुत से वीवीआईपी मेहमान भी वहां होंगे। राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह है। इसी बीच सूचना मिल रही हैं कि इस सुंदर राम मंदिर से अब गाजियाबाद का नाम जुड़ गया है।

दिल्ली के साथ लगते गाजियाबाद की अगर बात करे तो यहां के दूधेश्वर नाथ मंदिर में पढ़ रहे मोहित पांडे को अयोध्या राम मंदिर का पुजारी बनाया गया है। उनका चयन पुजारी के तौर पर हुआ है। 10 नवंबर, 2002 को सीतापुर के बेल्हाऊरा में मोहित का जन्म हुआ था। उन्हें अपने चाचा (जो खुद वेदो को जानते थे) से धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिली। उन्होंने ही यानि चाचा ने ही मोहित को दाखिला श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के वेद विद्यालय में  दिलवाया था। 

7 वर्ष तक ग्रहण किया कर्मकांड का प्रशिक्षण

मोहित ने गाजियाबाद में करीबन सात साल तक धर्म और कर्मकांड की शिक्षा ग्रहण की, साथ ही सामवेद भी पढ़ा। मोहित ने तिरुपति में वेंकटेश्वर वैदिक विद्यालय से आगे की पढ़ाई की। पढ़ते हुए मोहित ने अयोध्या के राम मंदिर में बतौर पुजारी बनने के लिये आवेदन किया। उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें पुजारी बनाया गया। फिलहाल मोहित को छह महीने की ट्रेनिंग दी जा रही है।


दूधेश्वर नाथ वेद विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी और वर्तमान शिक्षक नित्यानंद आचार्य ने मोहित पांडे के विद्यार्थी जीवन की कुछ दिलचस्प कहानियां बताईं। नित्यानंद बताते हैं कि मोहित वैदिक विद्यालय में सबसे होनहार विद्यार्थियों में से एक थे। वह बहुत चुस्त और तेज दिमाग रखते थे। पहले से ही मोहित भगवान राम की सेवा करना चाहते थे। पूरे गाजियाबाद के संत समाज को मोहित का अयोध्या राम मंदिर में पुजारी बनने पर गर्व है। मंदिर के महंत और महामंडलेश्वर श्री नारायण गिरी जी इस सबका श्रेय देते हैं।


मोहित पाण्डेय ने सात साल तक गाजियाबाद के दूधेश्वर वेद विद्यापीठ में पढ़ाई की है। श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय, तिरुपति में स्थित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम से उन्होंने शास्त्री (स्नातक) की उपाधि हासिल की। 2023 में ही उन्होंने सामवेद में मास्टर डिग्री हासिल की। वह भी रामानंदीय परंपरा के विद्वान हैं और वेद, शास्त्र और संस्कृत में प्रवीण हैं।


ऐसे ही युवा पुजारी उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चुने गए हैं। रामानंदीय परंपरा से जुड़े सभी पुजारी वेद, शास्त्र और संस्कृत में  विशेषता वाले है। 

(ये खबर मोहित पांडे के दावों पर आधारित हैं द ब्लयू टिक इसकी पुष्टि नहीं करता )