The Blue Tick

Bajra Fasal : बाजरा की फसलों को बालों वाली सुंडियों से बचाने हेतु सावधानियां बरते किसान, विभाग ने जारी की हिदायते

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बाजरा की फसलों को बालों वाली सुंडियों से बचाने हेतु हिदायतें जारी की है। जिसे किसान अपनाकर बाजरे की फसल में लगने वाले कीट रोगों से अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
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The Blue Tick :  डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  Bajra Fasal : देश में पौषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाज की खेती पर जोर दिया जा रहा है, मोटे अनाज में बाजरे pearl millet का स्थान महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बाजरा की फसलों को बालों वाली सुंडियों से बचाने हेतु हिदायतें जारी की है। जिसे किसान अपनाकर बाजरे की फसल में लगने वाले कीट रोगों से अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।


यह जानकारी देते हुए विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि Bajra Crop बाजरे की फसल में अनेक रोगों तथा हानिकारक कीटों का प्रकोप होता हैं। इन्हीं कीटों में एक बालों वाली सूण्डियां होती है जो छोटी अवस्था में पाई जाती हैं। ये इक_ïी रहकर पत्तों की निचली सतह पर नुकसान करती हंै तथा पत्तों को खाकर छलनी कर देती है।

 

 

इनकी दो प्रजातियां होती हैं जिनमें बिहार हेयरी कैटरपिलर Hairy Caterpillar व रैड हेयरी केटरपिलर Red Hairy Caterpillar। उन्होंने बताया कि लाल बालों वाली सूण्डियां जुलाई के दूसरे पखवाड़े से अगस्त माह के अंत तक सक्रिय रहकर नुकसान करती है। दूसरी प्रजाति की बालों वाली सूंडी अगस्त से फसल की पकाई तक नुकसान करती है।

इन बालों वाली caterpillar control सूण्डियों के नियंत्रण के लिए Agricultute Department किसान विभाग द्वारा बताई गई निम्र सावधानियां को बरतें, जो निम्र प्रकार से हैं -


1. लाल बालों वाली सूण्डियों के प्रौढ़ (पतंगे) रोशनी की तरफ आकर्षित होते हैं। पहली बारिश के उपरान्त एक मास तक लाइट-ट्रैप का उपयोग करें।
2. खेतों के आसपास खरपतवारों को न रहने दें, क्योंकि ये कीड़े उन पर अंडे देते हैं।
3. कीटों के अण्ड-समूह को नष्ट करें।
4. पत्तों को छोटी सूण्डियों सहित तोड़ लें तथा ऐसे पत्तों को जमीन में गहरा दबा दें या मिट्टी के तेल के घोल में डालकर इन्हें मार दें।
5. बड़ी सूण्डियों को कुचलकर नष्ट कर दें अन्यथा मिट्टी के तेल के घोल में डालकर नष्ट करें।
6.  बड़ी सूण्डियों की रोकथाम के लिये 250 मिली मोनोक्रोटोफास 36 एसएल या 500 मिली क्विनलफास 25 ईसी को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिडक़ाव करें।