The Blue Tick

2 पानी से तैयार होने वाली गेहूं WH 1402 से लहलायेंगे खेत, यूनिवर्सिटी ने कर दिया कमाल,रेतिले एरिया में भी कामयाब

पानी की किल्लत किसानों के लिए हमेशा रही हैं, पानी के दोहन ज्यादा होने से कई एरिया तो डार्क जोन में आ गए हैं, जहां ट्यूब्वैल तक लगाने की मनाही हैं, ऐसे में अब एक राहत भरी खबर सामने आई है। आप खेती करते हैं और आपके पास सिंचाई के लिए पानी की कमीं हैं, तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
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The Blue Tick : wheat Wh 1402 : पानी की किल्लत किसानों के लिए हमेशा रही हैं, पानी के दोहन ज्यादा होने से कई एरिया तो डार्क जोन में आ गए हैं, जहां ट्यूब्वैल तक लगाने की मनाही हैं, ऐसे में अब एक राहत भरी खबर सामने आई है। आप खेती करते हैं और आपके पास सिंचाई के लिए पानी की कमीं हैं, तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल, गेहूं की एक नई किस्म आ गई हैं जो केवल मात्र 2 पानी की सिंचाई में ही लग जायेगी, इतना ही नहीं इसमें खाद भी कम डलती हैं और उत्पादन भी ज्यादा होता है। 

गेहूं की एक नई किस्म डब्ल्यू एच 1402 जो कम पानी और खाद में ज्यादा उपज देती है, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं एवं जौ अनुभाग ने बनाई है। यह किस्म भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी भाग के लिए उपयुक्त है, जहां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर का मैदानी भाग आता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज ने बताया कि गेहूं एवं जौ अनुभाग के वैज्ञानिकों ने गेहूं की इस नई किस्म को तैयार किया है। इस किस्म का दो पानी में औसत उपज 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और अधिकतम उपज 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।

उन्होंने बताया कि यह किस्म पीला रतुआ, भूरा रतुआ और अन्य बीमारियों से बचाव करती है। इसके अलावा, यह किस्म कम पानी वाले जोन की बेहतर किस्म एनआईएडब्ल्यू 3170 से 7.5 प्रतिशत ज्यादा उपज देती है।

कुलपति ने बताया कि गेहूं की इस नई किस्म डब्ल्यू एच 1402 को रेतीली, कम उपजाऊ और कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदित किया गया है। इस किस्म की अधिकतम उपज के लिए शुद्ध नत्रजन 90, फास्फोरस 60, पोटाश 40, जिंकसल्फेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर देने की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि किसान भाई दो पानी में ही अच्छी उपज पा सकते हैं, क्योंकि भू-जल का स्तर दिन-प्रतिदिन घटता जा रहा है। यह नई किस्म कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए आशीर्वाद होगी।

डब्ल्यू एच 1402 की बिजाई का उचित समय और बीज की मात्रा कृषि महाविद्यालय के प्रभारी डॉ. एस. के. पाहुजा ने बताया कि गेहूं की इस नई किस्म डब्ल्यू एच 1402 की बिजाई का उचित समय अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक है और बीज की मात्रा 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।

इस किस्म को दो पानी देने की आवश्यकता है, जिसमें पहला पानी बीजाई के 20-25 दिन बाद जब शिखर जड़े निकलते हैं और दूसरा पानी बीजाई के 80-85 दिन बाद जब बालियां निकलती हैं।

गेहूं की इस नई किस्म डब्ल्यू एच 1402 की खासियतें गेहूं एवं जौ अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. पवन ने बताया कि गेहूं की इस नई किस्म डब्ल्यू एच 1402 को 100 दिन में बालियां निकलती हैं और 147 दिन में तैयार हो जाती हैं। इस किस्म की बालियां लम्बी (14 सेंटीमीटर) और लाल रंग की होती हैं। इस किस्म की ऊंचाई 100 सेंटीमीटर होती है, जिससे यह गिरने से बचती है